बहराइच में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 134वीं जयंती… देखें Video

14 से 28 अप्रैल तक ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ थीम पर होंगे विविध कार्यक्रम, डीएम सहित अधिकारियों ने की बाबा साहब को श्रद्धांजलि अर्पित

रिपोर्ट : गोरखनाथ दुबे : बहराइच। भारतीय संविधान के जनक और समाज सुधारक भारत रत्न डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 134वीं जयंती के मौके पर बहराइच जनपद में शासकीय और सामाजिक स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। जिला प्रशासन ने कलेक्ट्रेट सभागार से लेकर शहर के प्रमुख स्थलों पर बाबा साहब की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया। जिलाधिकारी मोनिका रानी सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके जीवन और योगदान पर प्रकाश डालते हुए समाज को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा दी।

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134th birth anniversary of Dr. Bhimrao Ambedkar celebrated with reverence and honor in Bahraich ... Watch VIDE
फोटो : प्रतिमा पर माल्यार्पण करती जिलाधिकारी मौनिका रानी

संविधान निर्माता और समाजिक समता के प्रतीक डॉ. भीमराव आम्बेडकर की 134वीं जयंती पर जनपद भर में श्रद्धा और आदर के साथ कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर समेत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बाबा साहब की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि 14 से 28 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ थीम पर विविध आयोजन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉ. आम्बेडकर ने विश्व के सबसे बड़े और विस्तृत संविधान का निर्माण किया और एक समतामूलक समाज की नींव रखी। उन्होंने संविधान में समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के समान अवसरों को सबके लिए सुनिश्चित किया, साथ ही कर्तव्यों की ओर भी ध्यान दिलाया।

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डीएम ने यह भी कहा कि बाबा साहब ने समाज में व्याप्त ऊंच-नीच, भेदभाव, जाति और धर्म के भेद को मिटाने का सपना देखा था। आज हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उनके बताए मार्ग पर चलें।

कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने मजदूरों की ड्यूटी 14 घंटे से घटाकर 8 घंटे कराई थी। मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह ने उनके महिला शिक्षा में योगदान को सराहा और बताया कि उन्होंने बंगाल से भी चुनाव लड़ा था।

नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर ने बताया कि बाबा साहब 9 भाषाओं के ज्ञाता थे और उनके पास 62 शैक्षणिक उपाधियाँ थीं। उन्होंने संविधान निर्माण से पहले सात देशों के संविधान का अध्ययन किया था।

पार्कों में बाबा साहब की प्रतिमाओं पर हुआ माल्यार्पण

इस अवसर पर जिलाधिकारी मोनिका रानी व अन्य अधिकारियों ने शहीद पार्क एवं आम्बेडकर पार्क पहुंचकर डॉ. आम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, पं. वैद्य भगवानदीन मिश्र व अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्रतिमाओं व शिलालेखों पर माल्यार्पण किया। इन स्थलों पर लोगों ने भारी संख्या में उपस्थित होकर श्रद्धांजलि दी और बाबा साहब के सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प लिया।

जिले भर में आयोजित इस जयंती समारोह ने यह संदेश दिया कि बाबा साहब केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत भी थे। आज भी उनके विचार सामाजिक समरसता, समानता और न्याय के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

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