8 लाख के घोटाले की जांच करने में EOW को लगे 10 साल, अधिकारी हो गए रिटायर।

यह मामला 2014 का है। जबलपुर के वार्ड नंबर आठ में नेताजी सुभाष चंद्र बोस समिति को वार्ड का कचरा इकट्ठा करने का काम मिला था। इस समिति ने एक महीने का कचरा उठाने के लिए लगभग 13 लाख, ₹17000 का बिल नगर निगम के सामने पेश किया। सेनेटरी इंस्पेक्टर केके दुबे ने इस बिल की जांच की तो पता लगा कि ठेकेदार ने मात्र ₹6 लाख का काम किया है और 13 लाख 17 हज़ार का बिल भुगतान के लिए लगाया है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार जबलपुर (मध्य प्रदेश )।

नगर निगम जबलपुर की एक शिकायत की जांच करने में ईओडब्ल्यू को 10 साल लग गए। दरअसल, नगर निगम जबलपुर में अधिकारियों ने फर्जी बिल बनाकर एक ठेकेदार को 8 लाख रुपए का फायदा पहुंचाया था। इस मामले में एक फर्जी हस्ताक्षर कर पेमेंट किया गया था और जिस व्यक्ति के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे, उसने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में की थी। जिन दो अधिकारियों के ख़िलाफ़ यह शिकायत थी वह दोनों ही रिटायर हो गए हैं। अब उनके ख़िलाफ़ चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएंगी।

यह मामला 2014 का है। जबलपुर के वार्ड नंबर 8 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस समिति को वार्ड का कचरा इकट्ठा करने का काम मिला था। इस समिति ने 1 महीने का कचरा उठाने के लिए लगभग 13 लाख 17,000 रुपए का बिल नगर निगम के सामने पेश किया था और 13 लाख 17,000 का बिल भुगतान के लिए लगाया गया है।

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नगर निगम अधिकारियों को केवल ₹6 लाख रुपए का भुगतान करने की अनुशंसा की।

लाख की अनुशंसा के बाद कर दिया 13 लाख का भुगतान…………..

कुछ दिनों बाद केके दुबे को मालूम हुआ कि उनकी कटौती के बाद भी ठेकेदार को 13 लाख 17,000 रुपए का पूरा भुगतान कर दिया गया। इस भुगतान के ख़िलाफ़ केके दुबे ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की।

इस मामले की जांच करने वाले ईओडब्ल्यू उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने इस भुगतान से संबंधित दस्तावेजों निकालें तो पता लगा कि तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव और उनके सहयोगी अनिल जैन ने एक फर्जी नोट शीट तैयार की। जिसमें केके  दुबे के फर्जी हस्ताक्षर किए और ठेकेदार को पूरा पेमेंट करवा दिया।

अधिकारी और ठेकेदार के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़……….

ईओडब्ल्यू और उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह ने बताया है कि जांच के बाद जबलपुर की ईओडब्ल्यू शाखा ने तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव, अनिल जैन और ठेकेदार हेमंत करसे के ख़िलाफ़ धारा 420, 467, 468, 471 और 120 के तहत मामला दर्ज़ कर लिया है। इस मामले की जांच में ईओडब्ल्यू ने 10 साल लगा दिए तब तक दोनों ही अधिकारी रिटायर हो गए। अब इस मामले में कोर्ट में मुकदमा चलेगा ।

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