रिपोर्ट अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार मामला राष्ट्रगान के दौरान उनके आपत्तिजनक व्यवहार से जुड़ा है। भाकपा-माले ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री की क्षमता और शासन प्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
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भाकपा-माले के नगर प्रभारी और ऐक्टू के राज्य सचिव कॉमरेड मुकेश मुक्तक ने बिहार दिवस के अवसर पर जनता को बधाई दी और न्यायपूर्ण एवं समतामूलक नए बिहार के निर्माण की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि 20 मार्च 2025 को एक अंतरराष्ट्रीय खेल के उद्घाटन समारोह में नीतीश कुमार का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे राष्ट्रगान के दौरान अजीब हरकतें करते नजर आए।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर उठे सवाल
कॉमरेड मुकेश मुक्तक ने कहा कि मुख्यमंत्री को राष्ट्रगान के दौरान यह भी भान नहीं था कि क्या हो रहा है। हाल के दिनों में उनके सार्वजनिक बयानों और व्यवहार से यह साफ दिख रहा है कि वे अब मुख्यमंत्री की जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम नहीं हैं। बिहार के नागरिकों को मुख्यमंत्री की वास्तविक स्थिति के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कभी नीतीश कुमार खुद को सुशासन का प्रतीक बताते थे, लेकिन आज बिहार की कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है। अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता पर नियंत्रण के उनके दावे खोखले साबित हो चुके हैं।
सरकार के नियंत्रण को लेकर भाकपा-माले का सवाल
कॉमरेड मुकेश मुक्तक ने कहा कि बिहार सरकार अब पूरी तरह नौकरशाही के हाथों में चली गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार की बागडोर अब असल में किसके हाथ में है?
उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उड़ीसा में भाजपा ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की स्वास्थ्य स्थिति को बड़ा मुद्दा बनाया था, लेकिन बिहार में नीतीश कुमार को लेकर भाजपा चुप्पी साधे बैठी है। जब विपक्ष इस मुद्दे को उठाता है, तो भाजपा-जदयू के नेता इसे राजनीति करार दे देते हैं।
गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर उठ रहे सवाल बिहार की राजनीति को गर्माने वाले हैं। भाकपा-माले ने जिस तरह उनके स्वास्थ्य और शासन की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं, उससे आने वाले दिनों में इस विवाद के और गहराने की संभावना है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या सफाई देती है और विपक्ष इस मुद्दे को कितना जोर-शोर से उठाता है।
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