संत धन्ना जाट की 610वीं जयंती पर धारौली में त्रिवेणी वृक्षारोपण और भंडारे का आयोजन
संत की भक्ति और पर्यावरण-संदेश के साथ साग-पूरी-खीर का वितरण, समाजसेवियों ने निभाई अहम भूमिका
आयुष पाण्डेय : झज्जर : धारौली। हरियाणा के वीरों की धरती कहे जाने वाले गांव धारौली में मंगलवार को संत शिरोमणि भक्त धन्ना जाट जी की 610वीं जयंती श्रद्धा, सेवा और पर्यावरण संदेश के साथ मनाई गई। आयोजन की अगुवाई मां-मातृभूमि सेवा समिति, धारौली द्वारा की गई।
बाबा शिवपुरी जी महाराज ने किया त्रिवेणी वृक्षारोपण

इस मौके पर बाबा मुक्तेश्वरपुरी मठ कोसली के 19वें मठाधीश, बाबा शिवपुरी जी महाराज ने बाबा जोहड़ी वाले मंदिर परिसर में पीपल, बरगद और नीम का त्रिवेणी वृक्षारोपण किया। उन्होंने कहा, “पीपल और बरगद जैसे पेड़ 24 घंटे ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जबकि नीम अपने औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। ऐसे पेड़ों का रोपण हमारे भविष्य के लिए निवेश है।”
धन्ना जाट की भक्ति पर आधारित भंडारा

इसके बाद शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट आकाश यादव राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कोसली के सामने साग, पूरी और मीठी खीर के भंडारे का आयोजन हुआ। बाबा शिवपुरी जी महाराज ने स्वयं भंडारे की शुरुआत की और श्रद्धालुओं को अन्न-जल अर्पित किया। उन्होंने कहा, “संत धन्ना जाट जी की निश्चल भक्ति से स्वयं भगवान श्रीकृष्ण प्रकट हुए थे। हमें भी वैसी ही श्रद्धा से जीवन जीना चाहिए।”
समाजसेवियों ने निभाई बड़ी भूमिका
इस आयोजन को सफल बनाने में समाज के अनेक लोगों का योगदान रहा। मां-मातृभूमि सेवा समिति के अध्यक्ष युद्धवीर सिंह लांबा, जो अब तक 21 बार रक्तदान कर चुके हैं, ने बताया कि कई स्थानीय और बाहरी दानदाताओं ने अपने मेहनत की कमाई से पुण्य का यह आयोजन सफल बनाया।
प्रमुख सहयोगियों में शामिल रहे
संजय कुमार (तुम्बाहेड़ी), अजय मलिक (सोनीपत), राकेश लांबा (कोसली), हरबीर मल्हान (गिरधरपुर), जगदीश ग्रेवाल (सासरौली), अजय जांगड़ा और संजीव घनधश (भिवानी), कुलवेंद्र यादव (रेवाड़ी), प्रमोद जांगड़ा (जहाजगढ़), रोहित यादव (कोसली), सागर यादव (रेलवे स्टेशन, कोसली), राकेश सैनी (रोहतक), नितेश भोरिया, सोनू धारौली, अमित दांगी और नवदीप जांगड़ा (मदीना, रोहतक), धर्मेंद्र यादव (मेडि-जेई कोचिंग सेंटर), दीपक सोलंकी (झाड़ोदा), सोमबीर लांबा (होंडा कंपनी), सतपाल पुनिया (गिरावड़), जोगिंदर सिंह (तुम्बाहेड़ी) सहित दर्जनों समाजसेवी शामिल रहे।
इस आयोजन ने दिखाया कि कैसे श्रद्धा, पर्यावरण प्रेम और सामाजिक सहयोग मिलकर समाज को नई दिशा दे सकते हैं। संत धन्ना जाट जी की जयंती केवल एक धार्मिक अवसर नहीं रही, बल्कि यह समाज में हरियाली, एकता और सेवा भाव का संदेश लेकर आई।