भागलपुर में बड़ा ज़मीन घोटाला: सरकारी ज़मीन की फर्जी रजिस्ट्री और जमाबंदी, राजस्व विभाग पर सवाल
राजस्व विभाग और अंचल कर्मियों की मिलीभगत से बिहार सरकार की ज़मीन निजी नाम पर रजिस्टर्ड, महादलित परिवारों पर बेघर होने का संकट
रिपोर्ट :अमित कुमार : भागलपुर। बिहार के भागलपुर जिले से एक बेहद चौंकाने वाला ज़मीन घोटाला सामने आया है। यहां सरकार की जमीन को ही फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर निजी व्यक्ति के नाम पर चढ़ा दिया गया है। सबसे हैरानी की बात ये है कि इस खेल में राजस्व विभाग और अंचल कार्यालय के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। नतीजा ये है कि सरकारी ज़मीन पर पीढ़ियों से रह रहे महादलित परिवार अब बेघर होने की कगार पर हैं।
जनवरी 2024 में जब सूचना अधिकार (RTI) के तहत तत्कालीन अंचलाधिकारी निशांत कुमार से इस भूमि की स्थिति पूछी गई, तो उन्होंने साफ तौर पर बताया कि यह भूमि बिहार सरकार की है और इसे कोई निजी व्यक्ति नहीं बेच या खरीद सकता। लेकिन अक्टूबर 2024 में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि यही ज़मीन अचानक किसी कर्णदेव सिंह नामक व्यक्ति के नाम रजिस्टर्ड हो चुकी है और उनकी जमाबंदी भी हो गई है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये फर्जीवाड़ा हुआ कैसे? RTI में जो ज़मीन बिहार सरकार की बताई गई, वही ज़मीन कुछ महीनों बाद निजी रजिस्ट्री में कैसे बदल गई?
जाहिर है, इस पूरे मामले में राजस्व विभाग, अंचल कार्यालय और पंजीयन विभाग के कुछ कर्मचारियों और पदाधिकारियों की भूमिका पर बड़ा सवाल उठता है।

यह कोई पहला मामला नहीं है, बिहार में इस तरह सरकारी ज़मीन की फर्जी बिक्री और जमाबंदी के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन सरकार या विभागीय निगरानी में अब तक कोई ठोस बदलाव नहीं आया है।