रिपोर्ट : अजय कुमार : भागलपुर। बांका जिले के चांदन थाना क्षेत्र के एक छोटे से गांव आनंदपुर सिमरामोड़ भाथुरिया से इंसानियत को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। एक गरीब परिवार, जो झोपड़ी में रहकर मेहनत-मजदूरी करता है, आज अस्पतालों के चक्कर काट रहा है क्योंकि अपराधियों ने रात में सोते वक्त 50 वर्षीय ठाकुर मुर्मू को गोली मार दी। अब पत्नी पल्लू मरांडी अपने घायल पति के इलाज के लिए भागलपुर में दर-दर भटक रही है।

चांदन थाना क्षेत्र के आनंदपुर सिमरामोड़ भाथुरिया गांव के रहने वाले ठाकुर मुर्मू, जो नाई का काम करते हैं और थोड़ी बहुत खेती भी करते हैं, बीते 4 अप्रैल की रात 1 बजे एक साज़िशी हमले का शिकार हो गए। वे अपनी पत्नी पल्लू मरांडी के साथ झोपड़ी में सो रहे थे, तभी दो अज्ञात अपराधी झोपड़ी में घुस आए और गोली मारकर फरार हो गए।
गोली ठाकुर मुर्मू के शरीर में अभी तक फंसी हुई है, और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। जब गोलियों की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग जमा हुए तो अपराधी फरार हो चुके थे। पत्नी ने तुरंत गांववालों की मदद से ठाकुर को पहले बांका अस्पताल और फिर वहां से मायागंज भागलपुर रेफर कराया।
मायागंज नहीं पहुंचे, दलालों ने दिखाया प्राइवेट अस्पताल का रास्ता
रास्ते में कुछ तथाकथित मददगार दलालों ने मायागंज ले जाने से रोका, और बेहतर इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों की तरफ मोड़ दिया। इस कारण अब तक इलाज पूरी तरह शुरू भी नहीं हो पाया है और हालत बिगड़ती जा रही है।
पल्लू मरांडी का कहना है, “हमारा किसी से कोई झगड़ा या दुश्मनी नहीं है। हम तो झोपड़ी में सोए थे, अचानक गोलियों की आवाज आई और सब कुछ खत्म हो गया। अब इलाज के लिए पैसे भी नहीं हैं, और कोई मदद करने वाला भी नहीं।”
श्रीराम अस्पताल में चल रहा है इलाज, लेकिन आर्थिक हालत बेहद खराब

एफआईआर दर्ज, लेकिन हमलावरों का नहीं चल पाया सुराग
परिजनों ने स्थानीय थाना में आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमले के पीछे कौन था और इसका मकसद क्या था। घटना के बाद से ग्रामीणों में भी दहशत का माहौल है।
क्या अब प्रशासन मदद करेगा?
अब देखने वाली बात यह होगी कि एक गरीब किसान, जो अब जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है, उसके लिए प्रशासन, पुलिस या समाज से कोई मदद मिलती है या नहीं।