दिल्ली के सरकारी स्कूल में 10 रोहिंग्या बच्चों को मिला ऐडमिशन, भाजपा नेता लगा रहें एक-दूसरे पर आरोप

आम आदमी पार्टी ने रोहिंग्या को लेकर भाजपा पर दोहरी नीति होने का आरोप लगाया था। आप विधायक अनिल झा ने कहा था कि बीजेपी की डबल इंजन की सरकार ने दिल्ली के बच्चों का हक मार कर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर के एक सरकारी स्कूल में 10 रोहिंग्या बच्चों को एडमिशन दे दिया है। एक तरफ बीजेपी रोहिंग्या को लेकर हंगामा करती है, तो दूसरी तरफ उनका समर्थन देती है।

दिल्ली के सरकारी स्कूल में 10 रोहिंग्या बच्चों को मिला एडमिशन , भाजपा नेता लगा रहे एक -दूसरे पर आरोप 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली। 

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में रोहिंग्या छात्रों का दाखिला बीतें दो दिनों से विवादों में हैं। आम आदमी पार्टी इस मामले पर बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है और नहीं रखा सरकार से इस पर अपना रूख स्पष्ट करने की मांग कर रही है। 

वहीं भाजपा ने सरकारी स्कूलों में रोहिंग्या बच्चों के दाखिले के लिए आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार बताया है।

सोमवार को इस मुद्दे पर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने 2017 में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा जारी आदेश के प्रति जारी करते हुए कहा कि इसमें तत्कालीन आप सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किस तरह रिफ्यूजी छात्रों को दाखिला देना है।

28 अप्रैल 2017 को एडिशनल डायरेक्टर एजुकेशन डॉ सरिता कौशिक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अगर किसी रिफ्यूजी के पास रिफ्यूजी कार्ड है, तो उसे आधार पर उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला मिल सकता है।

प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि इस आदेश में यह भी लिखा है कि सिर्फ आधार कार्ड नहीं होने पर उन्हें स्कूलों में दाखिला देने से नहीं रोका जा सकता है।

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रोहिंग्या के छात्रों के एडमिशन पर

AAP ने भाजपा को घेरा था 

रविवार को आम आदमी पार्टी ने रोहिंग्या को लेकर भाजपा पर दोहरी नीति होने का आरोप लगाया था। आप विधायक अनिल झा ने कहा था कि बीजेपी के डबल इंजन की सरकार ने दिल्ली के बच्चों का हक मारकर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर के एक सरकारी स्कूल में 10 रोहिंग्या बच्चों को एडमिशन दे दिया है। एक तरफ बीजेपी रोहिंग्या को लेकर हंगामा करती है, तो दूसरी तरफ उनको समर्थन देती है।

आम आदमी पार्टी ने इसका विरोध करते हुए जांच कराने की मांग की है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि देश के बॉर्डर की सुरक्षा केंद्र सरकार की है।

केंद्र सरकार के अधीन बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और केंद्रीय रिज़र्व फोर्स है। देश की ख़ुफ़िया एजेंसी केंद्र सरकार की है।

इसके बावजूद हजारों की संख्या में रोहिंग्या दिल्ली तक पहुंच गए। इनकी वज़ह से हरियाणा, गुड़गांव, नोएडा समेत चारों तरफ अस्थिरता फैल रही है।

केंद्र सरकार रोहिंग्या को दिल्ली में क्यों बसाना चाहती है?

दिल्ली के स्कूलों में रोहिंग्या के बच्चों को दाखिला क्यों देना चाहती है ?

बीजेपी की दिल्ली सरकार को अल्पसंख्यक, दलित, झुग्गियों में रह रहे बच्चों की शिक्षा की चिंता करनी चाहिए।

लेकिन यह लोग घुसपैठिए रोहिंग्यों का स्वागत कर रहे हैं।

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