डिजिटल महाकुंभ पर साइबर अपराधियों का जाल, डिजिटल शिक्षा से साइबर सुरक्षा।
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में ठहरने के लिए होटल और टेंट की भारी मांग रहती है। साइबर अपराधी इसका फायदा उठाते हुए फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। साइबर अपराधी इसका फायदा उठाते हुए फर्जी मोबाइल और दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हैं। जो असली बुकिंग वेबसाइट की हूबहू नकल होती है। लोग बिना सत्यापन कर इन वेबसाइट से भुगतान कर देते हैं। लेकिन बुकिंग का कोई प्रमाण नहीं मिलता।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )।
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 जहां करोड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था को प्रकट करने आते हैं। वहीं साइबर अपराधियों के लिए भी यह एक सुनहरा मौका बन गया है। महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन के दौरान अपराधी फर्जी वेबसाइट्स, व्हाट्सएप लिंक और एपीके (Android package kit) फाइल्स के जरिए भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं।
महाकुंभ में फर्जी वेबसाइट्स का जाल……..
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में ठहरने के लिए होटल और टेंट की भारी मांग रहती है। साइबर अपराधी इसका फ़ायदा उठाते हुए फर्जी वेबसाइट्स बनाते हैं। जो असली बुकिंग वेबसाइट्स की हूबहू नकल होती हैं। लोग बिना सत्यापन के इन वेबसाइटों पर भुगतान कर देते हैं। लेकिन बुकिंग का कोई प्रमाण नहीं मिलता। साइबर अपराधी व्हाट्सएप पर कुंभ बुकिंग एपीके नामक फाइल भेजते हैं। इसे इंस्टॉल करने पर यह फाइल आपके फ़ोन को हैक कर सकती है, ओटीपी बायपास कर सकती है, और आपके बैंक खाते को खाली कर सकती हैं।
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एपीके फाइल्स, साइबर अपराध का नया हथियार……….
एपीके फाइल्स को अपराधी विभिन्न नामों से भेज रहे हैं। जैसे :
राम जन्मभूमि गृह संपर्क अभियान, एपीके……
अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के दौरान अपराधियों ने इसे भेजकर लोगों को ठगा।
प्रधानमंत्री किसान योजना, एपीके – किसानों को 500 से 1000 तक की ठगी का शिकार बनाया गया।
शादी निमंत्रण, एपीके – शादी के निमंत्रण के बहाने यह फाइल्स भेजकर लोगों का डाटा चोरी किया जा रहा हैं।
कस्टमर केयर सपोर्ट, एपीके – गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च करने वालों को फंसाने के लिए अपराधी ख़ुद को कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताते हैं और यह फाइल भेजते हैं।
हॉस्पिटल बुकिंग, एपीके – क्रेडिट कार्ड पर चार्ज हटाने के बहाने यह फाइल भेजी जाती है।
एपीके फाइल्स कैसे काम करती हैं?…………
- फोन का नियंत्रण – जैसे ही एपीके फाइल इंस्टॉल होती है यह फ़ोन की गैलरी, मैसेज और व्हाट्सएप तक पहुंच हासिल कर लेती हैं।
- ओटीपी बाइपास – यह फाइल आपके ओटीपी को पढ़कर अपराधियों तक भेज देती हैं।
- सोशल मीडिया हैक – आपके व्हाट्सएप और फेसबुक का इस्तेमाल दूसरों को फर्जी फाइल भेजने के लिए किया जाता हैं।
- रिमोट एक्सेस – एपीके फाइल अपराधियों को आपके फ़ोन का रिमोट एक्सेस देती हैं।
- डाटा चोरी – यह फाइल आपके फ़ोन से फोटो पासवर्ड और अन्य संवेदनशील जानकारी चुरा सकती हैं।
फर्जी वेबसाइट को पकड़ना इतना मुश्किल क्यों होता हैं?…………..
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- सटीक डिजाइन और यूआरएल – अपराधी असली वेबसाइट का लगभग वेबसाइट डिजाइन और मिलते- जुलते यूआरएल का उपयोग करते हैं।
- नकली प्रमाण-पत्र – इन वेबसाइट पर सुरक्षित दिखने वाला नकली एस एस एल सर्टिफिकेट होता हैं।
- अस्थाई साइट्स – फर्जी वेबसाइट को कुछ समय के लिए ही लाइव रखा जाता है जिससे इन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता हैं।
- तकनीकी विशेषज्ञता – अपराधी एडवांस्ड तकनीक का उपयोग करते हैं। जिससे सॉफ्टवेयर इंजीनियर भी उनके जाल में फंस सकते हैं।
कैसे पहचाने फर्जी वेबसाइट्स?………….
- यूआरएल जांचे, सुनिश्चित करने की वेबसाइट का यूआरएल ” https://” से शुरू हो और उसके पास लॉक आइकॉन हो।
- सरकारी स्रोतों का उपयोग करें – केवल सरकारी प्रणालियों एजेंसियों से ही बुकिंग करें।
- समीक्षा पढ़ें – वेबसाइट्स के विश्वसनीयता की जांच के लिए ऑनलाइन समीक्षाएं पढ़ें।
साइबर अपराध से बचने के उपाय…………….
- प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करें – थर्ड पार्टी वेबसाइट या व्हाट्सएप से मिली किसी भी एपीके फाइल को इंस्टॉल ना करें।
- फर्जी ऑफर्स से बचें – कम क़ीमत वाले ऑफर्स या फ्री बुकिंग के झांसे में न आएं।
- ओटीपी साझा न करें – किसी भी अनजान व्यक्ति या ऐप को एक साथ अपना ओटीपी साझा न करें।
- फोन की परमिशन चेक करें – किसी भी ऐप को अनावश्यक परमिशन देने से बचें।
- साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें – किसी ठगी का शिकार होने पर 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज़ करें।
साइबर प्रयागराज का डिजिटल अभियान…………..
महाकुंभ और अन्य आयोजनों के दौरान बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयागराज ने एक खास पहल की हैं। इस संबंध में “साइबर प्रयागराज” के नाम से एक यूट्यूब चैनल भी बनाया गया हैं। इस चैनल पर साइबर सुरक्षा से संबंधित उपयोगी वीडियो उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साइबर प्रयागराज से जुड़े या साइबर सेल प्रयागराज से संपर्क करें।
प्रश्न और उत्तर (FAQ) ……..
प्रश्न: एपीके फाइल से कैसे बचा जाएं?
उत्तर: केवल गूगल प्ले स्टोर या एप्पल एप स्टोर से ऐप डाउनलोड करें।
प्रश्न: फर्जी वेबसाइट को कैसे पहचाना जाएं?
उत्तर: वेबसाइट्स के यूआरएल की जांच करें, साइट की प्रमाणिकता सुनिश्चित करें।
प्रश्न: अगर एपीके फाइल गलती से इंस्टॉल हो जाए तो क्या करें?
उत्तर: फ़ोन को फैक्टरी रीसेट करें, तुरंत साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें।
निष्कर्ष ……………..
महाकुंभ 2025 जैसे धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा और सतर्कता अत्यंत आवश्यक है। साइबर अपराधियों के जाल से बचने के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार हैं।