दूध, दही, मक्खन, मिठाई अत्यधिक मात्रा में संपूर्ण देश में सप्लाई, कैंसर बांटा जा रहा है, लोक सेवकों के भ्रष्टाचार के कारण।

सरकार खाने के वस्तुओं में मिलावट के विरोध में सख्त कार्यवाही कर रही है। खाद्य मिश्रण निवारण अधिनियम 1954 और खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जा रही है। इन अधिनियमों के तहत खाने के वस्तुओं में मिलावट करने वालों के खिलाफ 6 महीने तक की कैद और ₹1000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ ) TV 9 भारत समाचार सहारनपुर (उत्तर प्रदेश )।

दूध, दही, मक्खन, मिठाई अत्यधिक मात्रा में संपूर्ण देश में सप्लाई हो रहा है। यानी कैंसर बांटा जा रहा है। सरकार अस्पताल बना रही है लेकिन लोक सेवकों के भ्रष्टाचार के कारण नकली खाद्य पदार्थों के विरुद्ध अंकुश नहीं लगा पा रही है। जनता नकली और असली कैसे पहचानें दुविधा में हैं?

सहारनपुर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है नकली पदार्थों के बिकने में, क्योंकि लोक सेवक मिले हुए हैं, बढ़ती बीमारी का यह कारण है कि कार्यवाही कौन करें यह समझ से परे हैं?

सरकार द्वारा कठोर नियम के बावजूद कार्यवाही शून्य हैं।

सरकार खाने के वस्तुओं में मिलावट के विरोध में सख्त कार्यवाही कर रही है। खाद अपमिश्रण निवारण अधिनियम 1954  खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही की जा रही हैं। इन अधिनियम के तहत, खाने की वस्तुओं में मिलावट करने वालों के ख़िलाफ़ 6 महीने तक की कैद, और ₹1000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता हैं।

सरकार ने खाने की वस्तुओं में मिलावट के विरोध में कई कदम उठाए हैं। जिनमें शामिल है….

  1. खाद निरीक्षकों की नियुक्ति- खाद्य निरीक्षकों को खाने के वस्तुओं में मिलावट की जांच करने और दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के लिए नियुक्त किया गया है।
  2. खाद्य प्रयोगशालाओं की स्थापना- खाद्य प्रयोगशालाओं को खाने की वस्तुओं में मिलावट की जांच के लिए स्थापित किया गया हैं।
  3. दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही- दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। जिनमें शामिल है- 6 महीने की कैद,₹1000 का जुर्माना और अन्य दंड।

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