फर्जी लोको पायलट बनकर ट्रेन में करता था महीनों से मुफ्त सफर, भागलपुर स्टेशन पर RPF ने पकड़ा… देखें Video

आसनसोल में रहकर आईटीआई की पढ़ाई कर रहा युवक बना रेलवे का नकली कर्मचारी, फर्जी आईडी और रिबन के सहारे कर रहा था ठगी

रिपोर्ट: अमित कुमार : भागलपुर। भागलपुर रेलवे स्टेशन पर रविवार देर रात एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए। एक युवक खुद को लोको पायलट बताकर महीनों से मुफ्त में ट्रेन में सफर करता आ रहा था। रेलवे के फर्जी आई कार्ड और मात्र 30 रुपए में खरीदे गए नकली रिबन के सहारे वह बड़े ही आराम से टिकट जांच से बच निकलता था। लेकिन इस बार वह RPF की नजर में आ गया और पोल खुल गई।

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Fake loco pilots used to do free travel in train for months, RPF caught at Bhagalpur station ... Watch VIDEO
फोटो : पकड़ा गया फर्जी लोको पायलट पुलिस की गिरफ्त में

रविवार रात भागलपुर रेलवे स्टेशन पर टिकट निरीक्षक की नजर एक युवक पर पड़ी, जिसके गले में ‘भारतीय रेलवे’ लिखा हुआ रिबन लटका हुआ था। शक होने पर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई, तो वह घबरा गया और सारा सच कबूल कर लिया।

युवक की पहचान जमुई जिले के विकास कुमार के रूप में हुई है, जो इस वक्त आसनसोल में रहकर धनबाद स्थित एक आईटीआई कॉलेज में पढ़ाई कर रहा है। विकास ने बताया कि वह रोज़ ट्रेन से कॉलेज जाता है और टिकट न कटवाने के लिए उसने रेलवे स्टाफ की नकल करने की तरकीब निकाली।

विकास ने महज़ 30 रुपए में एक रिबन खरीदा, जिस पर “भारतीय रेलवे” लिखा था। उसी रिबन को गले में पहनकर वह खुद को लोको पायलट बताता और आसानी से टीटी को चकमा दे देता। उसने बताया कि उसकी वर्दी असल में उसके आईटीआई कॉलेज की है, लेकिन लोग उसे रेलवे की यूनिफॉर्म समझ बैठते थे। यही उसका सबसे बड़ा पास बन गया।

RPF ने जब उसकी तलाशी ली तो उसके पास से फर्जी आई कार्ड और यूनिफॉर्म भी बरामद हुए। फिलहाल विकास से पूछताछ जारी है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस पूरे फर्जीवाड़े में कोई और भी शामिल है।

क्या कहती है पुलिस

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GRP के एक अधिकारी ने बताया कि विकास कुमार लंबे समय से इस तरह की ठगी करता आ रहा था। फर्जी आई कार्ड, यूनिफॉर्म और रिबन के सहारे उसने रेलवे को धोखा दिया। अब जांच का दायरा बढ़ाया जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई गैंग तो इस काम में शामिल नहीं है।

गौरतलब हो कि यह मामला सिर्फ एक युवक की चालाकी नहीं बल्कि रेलवे सुरक्षा में एक बड़ी खामी को भी उजागर करता है। अगर समय रहते RPF सतर्क न होती तो शायद यह फर्जीवाड़ा अब भी चलता रहता।

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