रामनवमी शोभायात्रा में दिखी गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल, केसरियामय हुआ भागलपुर

सभी धर्मों के लोगों ने बढ़ाया भाईचारा, बिना डीजे के निकली ऐतिहासिक शोभायात्रा, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, हर गली-मोहल्ले पर पुलिस तैनात

रिपोर्ट: अजय कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर शहर ने 5 अप्रैल को रामनवमी के पावन अवसर पर एक अनूठी मिसाल पेश की। जब पूरा शहर “जय श्रीराम” और “भारत माता की जय” के नारों से गूंज उठा, तो वहां की फिज़ा में भाईचारे और सौहार्द की मीठी खुशबू भी घुली हुई थी। चाहे हिंदू हों या मुस्लिम, सिख हों या ईसाई—सभी ने इस भव्य शोभायात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और एक बार फिर यह साबित किया कि भागलपुर गंगा-जमुनी तहज़ीब की सजीव मिसाल है।

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Ganga-Jamuni Tehzeeb's example seen in Ramnavami procession, Kesariamaya Bhagalpur

रामनवमी के मौके पर शुक्रवार को भागलपुर में निकली शोभायात्रा हर मायने में खास रही। इसकी शुरुआत नगर विधायक अजीत शर्मा द्वारा नारियल फोड़कर की गई। शहर के घंटाघर चौक से शुरू हुई यह शोभायात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे भीड़ उमड़ती गई और पूरा शहर केसरिया रंग में रंग गया।

हालांकि शोभायात्रा से पहले एक विवाद उस वक्त खड़ा हो गया जब पुलिस ने डीजे को जप्त कर लिया। इसको लेकर ‘भगवा क्रांति’ के कार्यकर्ताओं ने विरोध भी किया, लेकिन जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद शांतिपूर्वक यात्रा निकाली गई। बिना डीजे के इस यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कराना वास्तव में काबिले तारीफ रहा।

शांति और एकता की मिसाल

Ganga-Jamuni Tehzeeb's example seen in Ramnavami procession, Kesariamaya Bhagalpur
इस शोभायात्रा में विभिन्न धर्मों के लोग शामिल हुए। भगवा क्रांति के संयोजक कुणाल सिंह ने बताया कि “रामनवमी की इस शोभायात्रा ने पूरे भागलपुर को एकता के रंग में रंग दिया है। इस ऐतिहासिक यात्रा में हर धर्म के लोगों की भागीदारी इस बात का संकेत है कि हमारा शहर आपसी सौहार्द का प्रतीक है।”

सांस्कृतिक झांकियों ने किया मंत्रमुग्ध

इस शोभायात्रा में 11 फीट ऊंची श्रीराम की प्रतिमा, बजरंगबली और रावण के युद्ध का दृश्य, महाकाल तांडव, विशाल कालिका स्वरूप, होली झांकी, सुसज्जित रथ और स्केटिंग करते बच्चों की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। पूरा शहर इन मनोहारी झांकियों को देखने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़ा।

सुरक्षा व्यवस्था रही मजबूत

एसडीएम धनंजय कुमार ने बताया कि डीजे जप्त करना एक रूटीन चेक था जिसे बाद में लौटा दिया गया। प्रशासन ने सुरक्षा में कोई कमी नहीं रखी। हर गली-मोहल्ले और चौराहे पर पुलिस की तैनाती रही, जिससे यात्रा पूरी तरह शांति और सौहार्द के साथ सम्पन्न हुई।

शोभायात्रा का समापन

Ganga-Jamuni Tehzeeb's example seen in Ramnavami procession, Kesariamaya Bhagalpurशोभायात्रा के समापन पर बुढ़ानाथ मंदिर में भव्य महाआरती, भंडारा और भजन संध्या का आयोजन किया गया। यह आयोजन पूरी तरह भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ।

रामनवमी पर भागलपुर ने न सिर्फ एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया, बल्कि अपने गंगा-जमुनी तहज़ीब का बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पूरे देश के लिए एक मिसाल पेश की। बिना डीजे के यात्रा निकालकर ‘भगवा क्रांति’ ने शांति और समर्पण का संदेश भी दिया।

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