रिपोर्ट : अजय कुमार, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) के 48वें दीक्षांत समारोह में 25 अप्रैल को महामहिम राज्यपाल और कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने शिरकत की। यह समारोह विश्वविद्यालय के इतिहास में अब तक का सबसे भव्य और छात्रसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा आयोजन रहा, जिसमें चार सत्रों के कुल 5117 छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की गईं। हालांकि इस दौरान एक छात्रा ने व्यवस्था से नाराजगी जताते हुए हुए राज्यपाल की सुरक्षा को धता बताकर नारेबाजी की।
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182 छात्रों को गोल्ड मेडल और स्मृति पदक
2021-22, 2022-23, 2023-24 और 2024-25 सत्रों के कुल 182 मेधावी छात्रों को गोल्ड मेडल और स्मृति पदक से सम्मानित किया गया। इन पुरस्कारों में पीजी सामान्य कोर्स के 116, वोकेशनल व प्रोफेशनल कोर्स के 12, फैकल्टी टॉपर्स के 19, पीजी स्मृति पदक के 26, स्नातक स्तर पर स्मृति पदक के 6 और बेस्ट ग्रेजुएट के 3 छात्रों को शामिल किया गया।
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कुलपति का बयान: विश्वविद्यालय के इतिहास का सबसे बड़ा दीक्षांत समारोह
कुलपति प्रो. जवाहरलाल ने कहा: “यह विश्वविद्यालय के इतिहास का सबसे बड़ा दीक्षांत समारोह है, जिसमें एक साथ इतने छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। यह हमारे शैक्षणिक गुणवत्ता और अनुशासन का प्रतीक है।”
समारोह की भव्यता पर उठे सवाल, सादगी की अपील की गई थी
हालाँकि इस समारोह की भव्यता पर कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने आपत्ति भी दर्ज कराई। विश्वविद्यालय के वरिष्ठ सदस्य राजेश कुमार तिवारी ने कहा: “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में यह आयोजन सादगी से किया जाना चाहिए था। हमने कुलपति से औपचारिक रूप से आग्रह भी किया था, क्योंकि पूरा देश शोक में है।”
इस टिप्पणी ने समारोह की भव्यता और संवेदनशीलता के बीच संतुलन पर एक बहस को जन्म दे दिया।
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) के 48वें दीक्षांत समारोह में जहां एक ओर 5117 छात्र-छात्राओं को डिग्री व प्रमाणपत्र प्रदान कर ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई, वहीं राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की मौजूदगी में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े हो गए।
राज्यपाल की सुरक्षा में सेंध: मंच के पास नारेबाजी करते हुए पहुंचा छात्र ?
समारोह के दौरान एक छात्र मंच के पास तक पहुंच गया और अचानक जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी। उसने अपनी शिकायतों से जुड़ी पर्चियां हवा में उड़ा दीं, जिससे कार्यक्रम स्थल पर कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई।
छात्र अचानक सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए मंच के करीब पहुंचा और “छात्रों के साथ अन्याय बंद करो” जैसे नारे लगाने लगा। इस दौरान उसने कई पर्चियां हवा में उड़ा दीं, जिनमें विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताएं, परीक्षा परिणामों में देरी, और छात्र हितों की अनदेखी जैसे मुद्दे दर्ज थे।
इस अचानक हुई घटना से सुरक्षाकर्मी कुछ पल के लिए स्थिति को भांप नहीं सके, जिससे राज्यपाल की सुरक्षा को संभावित खतरा उत्पन्न हो गया। हालांकि तुरंत हरकत में आए सुरक्षा बलों ने छात्र को हिरासत में ले लिया और कार्यक्रम को नियंत्रित किया।
पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, हिरासत में लिए गए छात्र से पूछताछ की जा रही है कि वह किसी छात्र संगठन से जुड़ा है या यह उसकी व्यक्तिगत पहल थी। फिलहाल उसकी पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है।