कुशीनगर में करंट ने ली दो जानें, दो की हालत गंभीर, टेंट लगाते समय 11 हजार वोल्ट के तार की चपेट में आए मजदूर, जिला अस्पताल में भर्ती

शादी समारोह की तैयारी में लगी थी टेंट की व्यवस्था, बिजली के हाई वोल्टेज तार ने ले ली दो जिंदगियां, दो अन्य बुरी तरह झुलसे। प्रशासन मौके पर

रिपोर्ट : अखिलेश कुमार द्विवेदी : कुशीनगर। कुशीनगर जनपद के पडरौना कोतवाली क्षेत्र में सोमवार को एक हृदयविदारक घटना सामने आई, जहां शादी की खुशी मातम में बदल गई। टेंट लगाते समय मजदूर 11 हजार वोल्ट के हाईटेंशन तार की चपेट में आ गए। इस हादसे में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

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In Kushinagar, current took two lives, two are in critical, laborers in the district hospital, while applying tent, 11 thousand volt wire, admitted to the district hospital

कुशीनगर जिले के बसहियां बनवीरपुर स्थित जमाली रोड पर मजनू दीवान के घर वैवाहिक कार्यक्रम की तैयारियां चल रही थीं। इसी दौरान टेंट लगाते वक्त मजदूरों की टीम 11 हजार वोल्ट के विद्युत तार की चपेट में आ गई। हादसे में 42 वर्षीय मुबारक, जो पडरौना गुप्ती शाहिद मजार का रहने वाला था और अपने ससुराल में मजदूरी करता था, की मौत हो गई। वहीं दूसरी मौत 22 वर्षीय मुस्तफा, निवासी बसहियां बनवीरपुर के टोला पिपरा की हुई।

गंभीर रूप से झुलसे दो अन्य युवक 18 वर्षीय नूर मोहम्मद और 20 वर्षीय राज मोहम्मद को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

In Kushinagar, current took two lives, two are in critical, laborers in the district hospital, while applying tent, 11 thousand volt wire, admitted to the district hospital
फोटो : अस्पताल में भर्ती झुलसे मजदूर

घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय प्रशासन हरकत में आ गया। एसडीएम सदर व्यास नारायण उमराव, क्षेत्राधिकारी अभिषेक प्रताप अजेय एवं राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय पुलिस ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भिजवाया।

स्थानीय लोगों ने क्या कहा?

ग्रामीणों का कहना है कि यह हादसा विद्युत विभाग की लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने मांग की कि इस हादसे में जान गंवाने वाले मजदूरों के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए और घायल मजदूरों के इलाज में कोई कसर न छोड़ी जाए।

यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करता है कि सार्वजनिक आयोजनों में बिजली की सुरक्षा को गंभीरता से क्यों नहीं लिया जाता? यदि बिजली के तारों को सुरक्षित रूप से व्यवस्थित किया गया होता तो शायद यह जानें बचाई जा सकती थीं।

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