“अंतिम सत्य नहीं होता है” कविता संग्रह का लोकार्पण

लोकसभा सांसद कंवर सिंह तँवर ने किया विमोचन, साहित्यकारों ने की सराहना

दिल्ली। भारतीय साहित्य जगत में एक नई कृति का आगमन हुआ, जब “वयम् साहित्यिक संस्था” और “सर्व भाषा ट्रस्ट” के संयुक्त तत्वाधान में प्रसिद्ध कवि कीर्तिशेष डॉ. श्रीराम पाण्डेय के कविता संग्रह”अंतिम सत्य नहीं होता है” का लोकार्पण किया गया। यह भव्य आयोजन संस्कार भारती के दिल्ली स्थित सभागार में संपन्न हुआ, जिसमें लोकसभा सांसद कंवर सिंह तँवर ने मुख्य अतिथि के रूप में पुस्तक का विमोचन किया।

यब भी पढ़ें : बिहार का राष्ट्रगान विवाद : राष्ट्रगान के दौरान सीएम नीतीश कुमार के व्यवहार पर विवाद, भाकपा-माले ने किया विरोध

Inauguration of poetry collection

इस मौके पर कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष कपिल खन्ना, सेवा भारती, दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष रमेश अग्रवाल, और विद्या भारती, दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष सुखराज सेठिया शामिल थे। इनके अलावा साहित्य और समाज से जुड़े अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।

कविता संग्रह की भावनात्मक गहराई

कार्यक्रम के दौरान, दिल्ली विश्वविद्यालय में अंग्रेजी साहित्य के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वेद मित्र शुक्ल ने इस काव्य संग्रह की गहराई और संदेश को विस्तार से बताया। उन्होंने विशेष रूप से संग्रह की एक प्रमुख कविता “राम तुम्हें फिर आना होगा” पर प्रकाश डालते हुए कहा—

“इस कविता में धर्म, समाज, राजनीति की विद्रूपता, समष्टि चेतना और समता के भाव का सुंदर समावेश है। यह कविता पाठक के अंतर्मन को झकझोरती है और श्रीराम के मर्म को पुनःस्थापित करने की आवश्यकता को दर्शाती है। इसमें भाषा की सहजता और गहराई पाठकों को बांधे रखती है।”

साहित्यिक और सांस्कृतिक जगत की विशिष्ट उपस्थिति

Inauguration of poetry collection
कार्यक्रम के दौरान सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार अनिल वर्मा ‘मीत’ ने अपने प्रभावी मंच संचालन से आयोजन को और भी रोचक बना दिया। साथ ही, चिल्ड्रेन बुक ट्रस्ट की संपादक नवीन मेनन, राजेश पाण्डेय, सुधीर भट्ट, मनोरमा ईयर बुक से प्रदीप, और अन्य प्रतिष्ठित साहित्यकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तित्वों में विजय कुमार, राजेश कुमार केसरी, निलेश कुमार सिंह, अशोक कुमार, नरेंद्र सिंह तोमर, सुबोध कुमार, मीनाक्षी गुप्ता, मानवी गर्ग, नवीन कुमार मीना, देवेंद्र चेंची, कमल कुमार, पलाश पारे, निरंजन पहाड़ी, सलिल कुमार, शैलेन्द्र पांडेय, और सुश्री रीतिका पाण्डेय का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।

साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण कृति 

“अंतिम सत्य नहीं होता है” न केवल एक कविता संग्रह है, बल्कि यह सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विचार करने के लिए प्रेरित करने वाला ग्रंथ भी है। इसकी कविताएँ जीवन की सच्चाइयों को उजागर करती हैं और पाठकों को गहराई से सोचने पर मजबूर कर देती हैं।

यब भी पढ़ें : बिहार का राष्ट्रगान विवाद : राष्ट्रगान के दौरान सीएम नीतीश कुमार के व्यवहार पर विवाद, भाकपा-माले ने किया विरोध