जनप्रतिनिधियों की चिट्ठियों का अलग से रखें हिसाब: डीएम मोनिका रानी ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान और पारदर्शी शासन के लिए जिलाधिकारी का हम कदम

रिपोर्ट : अतुल त्रिपाठी : बहराइच। जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से सुनने और उन्हें समयबद्ध तरीके से हल करने के लिए अब जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए पत्रों की निगरानी और जवाबदेही और भी सख्त होगी। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने जिले के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि माननीय सांसद, विधायक या अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भेजे गए पत्रों का पूरा रिकॉर्ड अलग से पंजिका (रजिस्टर) में रखा जाए और उनकी समस्याओं के समाधान की रिपोर्ट समय पर संबंधित जनप्रतिनिधियों को भी भेजी जाए।

यह भी पढ़ें : भागलपुर के नाथनगर में ट्रैक्टर से गिरने से बच्चे की दर्दनाक मौत, भाई गंभीर रूप से घायल

Keep the letters of public representatives separately: DM Monica Rani gave strict instructions to the official
फोटो : जिलाधिकारी मोनिका रानी

डीएम मोनिका रानी ने साफ शब्दों में कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता है कि जनसमस्याओं का समाधान समय से किया जाए और सरकारी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे। इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को जिले के सभी विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जो भी पत्र माननीय जनप्रतिनिधियों से प्राप्त हो रहे हैं, उन्हें नजरअंदाज न किया जाए।

डीएम ने कहा कि इन पत्रों को सामान्य डाक की तरह न समझें, बल्कि इन्हें प्राथमिकता दी जाए और इनके समाधान की पूरी प्रक्रिया एक अलग पंजिका में दर्ज की जाए। इसमें यह भी लिखा जाए कि पत्र कब प्राप्त हुआ, किस अधिकारी को भेजा गया, क्या कार्रवाई हुई, और जनप्रतिनिधि को कब और क्या जवाब भेजा गया।

पारदर्शिता और जवाबदेही का बढ़ेगा स्तर

इस नई व्यवस्था से शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेगी। साथ ही जनप्रतिनिधियों के माध्यम से आने वाली जनता की समस्याओं का भी जल्दी समाधान हो सकेगा। डीएम ने यह भी कहा कि भविष्य में इस पंजिका की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी, और किसी भी लापरवाही पर कार्रवाई तय होगी।

अधिकारियों को निर्देश: समय पर दें जवाब

Keep the letters of public representatives separately: DM Monica Rani gave strict instructions to the official
फोटो : जिलाधिकारी मोनिका रानी

अधिकारियों को चेताते हुए डीएम मोनिका रानी ने कहा कि अगर किसी भी जनप्रतिनिधि के पत्र का जवाब समय पर नहीं दिया गया या उसमें टालमटोल की गई, तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। यह कदम जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच प्रशासन की पारदर्शिता को मजबूत करेगा।

यह भी पढ़ें : भागलपुर के नाथनगर में ट्रैक्टर से गिरने से बच्चे की दर्दनाक मौत, भाई गंभीर रूप से घायल