मेधा पाटकर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में भी वी.के. सक्सेना को नोटिस जारी
18 मार्च को साकेत कोर्ट ने पाटकर की ओर से अतिरिक्त गवाहों को समन करने की अर्जी ख़ारिज कर दी है। साकेत कोर्ट ने कहा था कि यह मामला 24 साल पुराना है। मेधा पाटकर ने गवाहों के बयान गांव के बयान दर्ज करने की मांग की है, लेकिन अर्जी में किस गवाह के बयान दर्ज़ कराना चाहती हैं।
मेधा पाटकर की ओर से दायर आपराधिक मानहानि मामले में भी वी.के. सक्सेना को नोटिस जारी
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली :
दिल्ली हाईकोर्ट में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर की दिल्ली के उप राज्यपाल वी.के. सक्सेना के ख़िलाफ़ दायर 24 साल पुराने आपराधिक मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट की ओर से पाटकर की अतिरिक्त गवाहों के बयान दर्ज़ करने की मांग ख़ारिज कर देने वाली आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर वी.के. सक्सेना को नोटिस जारी किया है।
साकेत कोर्ट ने अर्जी खारिज की कहा मामला 24 साल पुराना
दरअसल, 18 मार्च को साकेत कोर्ट ने मेधा पाटकर की ओर से अतिरिक्त गवाहों को समन करने की अर्जी ख़ारिज कर दी है। साकेत कोर्ट ने कहा था कि यह मामला 24 साल पुराना है, और मेधा पाटकर की ओर से दिए गए सभी गवाहों के बयान दर्ज करने की मांग की है,लेकिन अर्जी में किस गवाह के बयान दर्ज कराना चाहती है, इसका उल्लेख तक नहीं है।वह भी इतने साल बीतने के बाद, ऐसे में शिकायतकर्ता की अर्जी सही प्रतीत नहीं होती है।
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मेधा पाटकर ने दिल्ली के उपराज्यपाल और खादी ग्रामोद्योग निगम के पूर्व अध्यक्ष वी.के. सक्सेना के ख़िलाफ़ मानहानि का केस दायर किया है। यह केस जब दायर किया गया था उसे समय अभियुक्त वी.के. सक्सेना ” नेशनल काउंसलिंग फॉर सिविल लिबर्टीज ” के अध्यक्ष थे।
गौरतलब है कि वी.के. सक्सेना की ओर से दायर एक आपराधिक मानहानि के मामले में मेधा पाटकर को साकेत कोर्ट के मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सज़ा सुनाई है। मेधा पाटकर ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को सेशन कोर्ट में चुनौती दी है। जिस पर सेशन कोर्ट 29 मार्च को फैसला सुनाने वाला है।
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