रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर। बिहार में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक हलचल तेज होती जा रही है। इसी कड़ी में आज भागलपुर जिले के शाहकुंड से आशा पार्टी ने अपने जनसंपर्क अभियान की शुरुआत की। पार्टी अपने नाम की तरह ही जनता के लिए “आशा की किरण” बनने का दावा कर रही है। इस अभियान के जरिए पार्टी सीधा जनता से संवाद कर रही है और आगामी विधानसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति तैयार कर रही है।
जनता के बीच सीधे पहुंचने का लक्ष्य
दबे-कुचले वर्गों की आवाज बनने का संकल्प
पार्टी की नीति साफ है – समाज के उन तबकों तक पहुँचना जो लंबे समय से हाशिए पर हैं। प्रीतम सिंह पटेल ने कहा कि हमारी पार्टी का नाम ही “आशा” है, यानी उम्मीद। हम राजनीति में सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि उन लोगों के लिए आए हैं जिन्हें अभी तक किसी ने नहीं सुना।
नीतीश कुमार से जुड़े अनुभव का असर
उन्होंने बताया कि पार्टी अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद पूर्व में नीतीश कुमार के साथ सरकार का हिस्सा रह चुके हैं और उन्होंने कानून व्यवस्था, शिक्षा, आरक्षण और निगरानी जैसे मुद्दों पर महत्वपूर्ण कार्य किया है। मगर जब पार्टी ने रास्ता बदल लिया, तब उन्होंने नई पार्टी के जरिए सही दिशा में काम करने की ठानी।
विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी तेज

पार्टी के अन्य नेताओं की मौजूदगी
इस अवसर पर बिहार प्रदेश उपाध्यक्ष *विपिन कुमार सिंह, राष्ट्रीय महासचिव हंसल सिंह, भागलपुर जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र मंडल, पंचायती राज्य प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष लुखड़ी देवी समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे। सभी नेताओं ने मिलकर पार्टी के प्रतिनिधियों को आगामी चुनाव में उतारने पर सहमति जताई।
जनता से मिल रही है सकारात्मक प्रतिक्रिया
बैठक के बाद पार्टी ने क्षेत्र में पैदल मार्च कर लोगों से सीधा संपर्क किया और उनके मुद्दों को सुना। कई ग्रामीणों और स्थानीय लोगों ने पार्टी के काम करने के तरीके को सराहा और कहा कि वे बदलाव चाहते हैं।