रास्ता बंद, जिंदगी कैद: भागलपुर के बहादुरपुर गांव में आपसी विवाद बना मुसीबत… देखें Video

नाथनगर प्रखंड में रास्ते की ज़मीन को लेकर आपसी झगड़े में एक दर्जन घरों के लोग घर में कैद; प्रशासन की चुप्पी से बढ़ा तनाव

रिपोर्ट : अजय कुमार : भागलपुर। भागलपुर के नाथनगर प्रखंड के बहादुरपुर गांव में आपसी विवाद ने ऐसा रूप ले लिया है कि एक दर्जन से अधिक घरों के लोग अपने ही घर में कैद होकर रह गए हैं। मामला जमीन और रास्ते को लेकर है, लेकिन इसकी आग अब पूरे मोहल्ले को झुलसा रही है। सबसे चिंता की बात ये है कि प्रशासन इस पूरे मसले में चुप्पी साधे बैठा है, जिससे हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं।

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एक रास्ते ने रोक दी लोगों की जिंदगी

Rasta closed, life imprisonment: There was a mutual dispute in Bahadurpur village of Bhagalpur ... See VIDE

गांव के निवासी सूरज कुमार के मुताबिक, उनके चचेरे भाइयों ने दबंगई दिखाते हुए बाहर निकलने वाले इकलौते रास्ते को गेट लगाकर बंद कर दिया है। इस रास्ते से सिर्फ सूरज का ही नहीं, बल्कि करीब एक दर्जन घरों के लोग आना-जाना करते थे। अब इन सभी को अपने ही घर में कैद जैसी स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन की चुप्पी से बढ़ी परेशानी

सूरज और उनके पड़ोसियों ने जब प्रशासन से गुहार लगाई, तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। कजरैली थाना में दोनों पक्षों की ओर से आवेदन जरूर दिया गया, लेकिन अब तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर समय रहते प्रशासन ने हस्तक्षेप किया होता, तो बात इतनी आगे नहीं बढ़ती।

क्या कहता है दूसरा पक्ष?

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विवादित पक्ष के विनोद सिंह का कहना है कि रास्ते की जमीन उन्होंने खरीद ली है और अब उस पर अधिकार उनका है। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि सूरज ने उनके घर की पिछली दीवार का प्लास्टर नहीं करने दिया, इसी कारण उन्होंने रास्ता बंद कर दिया।

गांव की महिलाएं भी परेशान

स्थानीय महिलाएं कहती हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चों, बीमार लोगों और बुजुर्गों को भारी दिक्कत हो रही है। “अब अगर कोई बीमार पड़ जाए तो बाहर कैसे ले जाएं? एम्बुलेंस तक नहीं आ सकती,” एक महिला पड़ोसी ने कहा।

सुनिए पीड़ितों की व्यथा

  • सूरज कुमार : “हमलोग अपने ही घर में बंद हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही।”  
  • सदानंद राय (सूरज के पिता) : “हमने थाना में कई बार आवेदन दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।”  
  • महिला पड़ोसी : “बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। बीमार लोगों को इलाज के लिए बाहर ले जाना मुश्किल हो गया है।”  
  • दूसरा पक्ष, विनोद सिंह: “हमने जमीन खरीदी है। जब मेरे घर की दीवार का काम नहीं करने दिया गया, तो रास्ता बंद करना पड़ा।”  

गौरतलब हो कि गांवों में आपसी विवाद आम बात है, लेकिन जब प्रशासन समय पर ध्यान नहीं देता, तो मामला बड़ा बन जाता है। बहादुरपुर गांव का यह मामला अब मानवीय संकट में बदलता जा रहा है। जरूरत है कि जिला प्रशासन और पुलिस तुरंत दखल दें ताकि आम लोगों को राहत मिल सके और तनाव ना बढ़े।

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