साहब, यह अवैध रेत और ट्रक मंत्री का है, मैं तो नौकर हूं, चंबल में खनन की सच्चाई फिर आई सामने

चंबल घड़ियाल सेंचुरी के एसडीओ भूरा गायकवाड़ गुरुवार दिन रात अपनी टीम के साथ क्षेत्र में गश्त करने निकले थे। जोरा रोड पर शहर से करीब 3 किलोमीटर दूर एमएस रोड पर एक ट्रक रेत से भरा जाता हुआ दिखाई दिया। वन विभाग की टीम में ट्रक का पीछा किया तो ड्राइवर ने स्पीड तेज़ कर दी। 1 किलो दूर तक पीछा करते हुए ट्रक को पकड़ा गया। ट्रक बिना नंबर का था। उसके आगे मंत्री का नाम लिखा था। मंत्री के बेटे का नंबर भी ट्रक में लिखा है।

साहब, यह अवैध रेत और ट्रक मंत्री का है, मैं तो नौकर हूं, चंबल में खनन की सच्चाई फिर आई सामने

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : मध्य प्रदेश : मुरैना,चंबल

चंबल में अंधाधुंध तरीके से रेत खनन किया जा रहा है। रेत माफिया को नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। इतना ही नहीं, कुछ नहीं तो खुद ही रेत खनन करवा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया हैं। रेत से भरे ट्रक को जब वन विभाग की टीम ने रोका और ज़ब्ती करने लगे तो ट्रक ड्राइवर ने बताया कि वह तो नौकर है, रेत खनन तो हमारे मंत्री करवा रहे हैं। ड्राइवर की यह बात सुनकर वन विभाग की टीम असहज हो गई।

चंबल से अवैध रेत भर कर आ रहा था ट्रक

दरअसल, वन विभाग की टीम ने गुरुवार देर रात जौरा रोड पर चंबल से आगे तक से भरकर आ रहे ट्रक को पकड़ लिया। इस दौरान ट्रक ड्राइवर ने बताया कि ट्रक का मालिक तो मंत्री का बेटा है, मैं तो दिहाड़ी पर काम करने वाला मजदूर हूं। रेत खनन भी मंत्री जी करवा रहे है।

यह भी पढ़ें – सोमनाथ भारती ने भाजपा विधायक सतीश उपाध्याय की जीत को दिल्ली हाईकोर्ट में दी चुनौती।

ट्रक मंत्री का था। इसलिए वन विभाग की टीम वाहन को पुलिस की सुरक्षा में रखवाने के लिए 2 घंटे भटकती रही। बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ट्रक को कोतवाली थाने में रखा गया है।

चंबल घड़ियाल सेंचुरी के एसडीओ भूरा गायकवाड़ गुरुवार देर रात अपनी टीम के साथ क्षेत्र में गश्त करने निकले थे। जौरा रोड पर शहर से करीब 3 किलोमीटर दूर एमएस रोड पर एक ट्रक रोड से भरा हुआ था। वन विभाग की टीम में ट्रक का पीछा किया, तो ड्राइवर ने स्पीड तेज कर दी। 1 किलोमीटर दूर तक पीछा करते हुए ट्रक को पकड़ा गया। ट्रक बिना नंबर का था। उसके आगे मंत्री का नाम लिखा था। मंत्री के बेटे का नंबर भी ट्रक में लिखा है।

पुलिस के पहले ट्रक को रखने से मना किया

वन विभाग की टीम ने जब ड्राइव पूछताछ की तो उसने बताया, मुझे तो हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी मिलती है। वह चंबल के बरवासिन घाट से रेत भरकर लाया है। घाट पर ट्रक में रात को ही रेत भरी जाती है। वह पिछले एक सप्ताह से ट्रक चला रहा है। वहीं वन विभाग के एसडीओ भूरा गायकवाड़ ने बताया कि ट्रक को जब्ती में लेने के बाद उसे पुलिस अभिरक्षा में रखवाने के लिए सीएसपी से बातचीत की गई है। इसके बाद भी पुलिस ने ट्रक को रखने से मना कर दिया। करीब ढाई घंटे तक संघर्ष करने के बाद ट्रक को अपने हवाले किया।

यह भी पढ़ें – नालंदा के युवक की तमिलनाडु में बेरहमी से पिटाई, पटना में इलाज़ के दौरान मौत।