सरपंचों के खिलाफ भी लाया जा सकेगा , अविश्वास प्रस्ताव, अध्यादेश लाएगी सरकार।
सरकार पंचायत राज अधिनियम में संशोधन कर नया प्राविधान करने जा रही है।
मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार भोपाल (मध्य प्रदेश)। प्रदेश में नग नगरीय निकायों के अध्यक्षों के विरुद्ध जिस तरह से अविश्वास प्रस्ताव आता है वैसा ही अब सरपंचों के विरुद्ध भी लाया जा सकेगा। इसके लिए सरकार पंचायत राज अधिनियम में संशोधन कर नया प्रावधान करने जा रही है। इसके लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अध्यादेश लाया जाएगा। इसमें यह प्राविधान किया जाएगा की तीन चौथाई पंच के आवेदन पत्र स्वीकार होगा और यह 3 वर्ष की कार्य विधि पूर्ण होने पर ही लाया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें –एक और ट्रेन हादसा, नागपुर में शालीमार एक्सप्रेस के दो डिब्बे पटरी से उतरे।
नगरीय निकायों के बाद अब पंचायत में भी नए नियम होंगे लागू –
प्रदेश में अभी तक नगरी निकायों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का ही प्राविधान था। इसमें भी 2 वर्ष की कार्य अवधि पूरी होने पर दो तिहाई पार्षदों के समर्थन से प्रस्ताव लाया जा सकता था। इस अवधि को बड़ा बढ़ाकर सरकार ने 3 वर्ष के कार्य अवधि और तीन चौथाई पार्षदों समर्थन अनिवार्य कर दिया है। यही व्यवस्था सरपंच के लिए भी लागू करने की मांग विभिन्न संगठनों ने उठाई थी।
पिछले दिनों पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति जताई। इसके बाद विभाग के अधिनियम संशोधन की तैयारी प्रारंभ कर दी है।
यह भी पढ़ें –अजमेर करवा चौथ पर पति की लंबी उम्र की कामना,खोला व्रत और फिर हो गई पत्नी की मौत।
अध्यादेश के माध्यम के संशोधन –
विभागीय अधिकारियों ने कहा है कि अभी विधानसभा का कोई सत्र प्रस्तावित नहीं है, इसलिए अध्यादेश के माध्यम से संशोधन किया जाएगा और फिर विधि एवं प्रारूप तैयार करके वरिष्ठ सचिव समिति को भेजा जाएगा, और फिर विधि एवं विधायी विभाग से परिमार्जित कराकर अंतिम निर्णय के लिए अगले माह तक कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है।