सतना जिले में जगह-जगह पानी की तरह बिक रही देशी – विदेशी शराब
तीनों के भागों के जिम्मेदार जान बूझकर अंजान बने रहते हैं और अंजान बनने के कारण सिर्फ यह है इनका महीना फिक्स है। ऐसी जान चर्चाएं हैं। हालांकि इसकी पुष्टि कोई नहीं करता है। लेनदेन वाले ही इसे बता देंगे कि इसमें कितनी सच्चाई है। इतना ही नहीं सिटी कोतवाली से 500 मी स्थित दुकानें देखी जा सकती है।
सतना जिले में जगह -जगह पानी की तरह बिक रही देशी – विदेशी शराब
- रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : जिला सतना , मध्य प्रदेश ।
जिला मुख्यालय सतना जिले से लेकर क्षेत्र के 20 किलोमीटर क्षेत्र में पानी की तरह जगह-जगह देशी- विदेशी शराब बिक रही है। अधिकांश देशी विदेशी शराब दुकानों में रेट भी चस्पा नहीं है। मनमानी दर पर शराब की बिक्री की जा रही है।
आरोप है कि पुलिस और आबकारी अमला कई ठेकेदारों पर मेहरबान है। आलम यह है कि कथित क्षेत्र के ठेकेदारों का कनेक्शन शहर और गांव तक जुड़ा हुआ है। जो शराब ठेकेदारों के गुर्गे हैं। चार पहिया और दो पहिया वाहनों से शराब की पैकारी कर छोटे-छोटे किराना व्यापारियों को पहुंचा रहे हैं। जहां अवैध शराब की बिक्री से बिना रोक-टोक होती चली आ रही है।
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आरोप है कि इन अवैध कारोबारियों पर अंकुश लगाने में पुलिस व अमला विभाग असफल रहा है। जिले की पुलिस की आबकारी विभाग को शराब कारोबार की जानकारी नहीं है। इन विभागों को बखूबी जानकारी है। इन विभागों के ज़िम्मेदार जानबूझकर अंजान बने रहते हैं और अनजान बनने का कारण यह है कि इनका महीना फिक्स होता है। लेन-देन वाले इसे बता पाएंगे कि इसमें कितनी सच्चाई है।
सिटी कोतवाली से महज 500 मीटर स्थित जय स्तंभ चौक, और स्टेशन रोड शराब दुकान में देखा जा सकता है। कोलगवां थाना प्रभारी में जब से थाने की कमान संभाली है। कोई भी कसावट थाना सेमरिया की चौक शराब में दुकान में नहीं आ रही है। स्थानीय सूत्रों द्वारा बताया जाता है कि हर ठिकानों से पुलिस को कमीशन मिल रहा है। जिस वज़ह है से पुलिस कार्यवाही करने से कतरा रही है।
दुकानों से रेट सूची गायब , आबकारी अधिकारी मेहरबान!
सतना जिले में देसी विदेशी शराब की दुकानें संचालित है उन दुकानों पर रेट सूची उपलब्ध नहीं हैं और ना ही ग्राहकों को बिल दी जाती है। जो जिले के आबकारी अधिकारी होते हैं, उनका काम है रेट सूची उपलब्ध करवाना और यदि कोई शराब संचालक प्रिंट रेट से शराब की बिक्री करें, तो उन पर जिला आबकारी अधिकारी को कार्रवाई करनी चाहिए।
शराब दुकान का जो संचालक होता है। जो शराब बिक्री में अवैध कानूनी वसूली करता है। वह अकेले उस राशि को नहीं हड़पता है। शराब बिक्री में अवैध वसूली करता उसमें स्थानीय पुलिस और जिले के आबकारी विभाग का भी हिस्सा होता है।
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