शामली में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मुस्तफा कग्गा गैंग का कुख्यात सदस्य अरशद ढेर।

एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली थी कि अरशद अपने साथियों के साथ झिंझाना थाना क्षेत्र से गुजरने वाला है। पुलिस ने घेराबंदी की और उन्हें रोकने की कोशिश की। अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। सहारनपुर और आसपास के जिलों में इसकी सेक्रेटरी ने पुलिस को चुनौती दी थी। उसके ख़िलाफ़ सहारनपुर, शामली, मुज़फ्फरनगर और हरियाणा के पनपत में विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज थे।

मुकेश कुमार (क्राइम एडिटर इन चीफ)TV 9 भारत समाचार शामली (उत्तर प्रदेश )।

20 और 21 जनवरी की मध्य रात्रि में जनपद शामली की झिंझाना थाना क्षेत्र में उत्तर-प्रदेश एसटीएफ (मेरठ टीम) और कुख्यात मुस्तफा कग्गा गैंग के सदस्यों के बीच हुई मुठभेड़ में गैंग का प्रमुख सदस्य अरशद समेत चार अपराधी मारे गए। मुठभेड़ में अरशद के साथ मनजीत, सतीश और एक अज्ञात साथी भी शामिल थे। पुलिस ने बताया है कि अरशद पर एक लाख का इनाम घोषित था और वह सहारनपुर के बेहट थाने में दर्ज डकैती के मामले में वांछित था।

अरशद पुत्र जमील, निवासी बड़ी माजरा, थाना गंगोह सहारनपुर, पर डकैती, हत्या और लूट जैसे संगीन अपराधों के करीब 17 मामले दर्ज थे। यह लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। सहारनपुर आस-पास के जिलों में उसकी सक्रियता ने पुलिस को चुनौती दी थी। उसके खिलाफ सहारनपुर, शामली, मुज़फ्फरनगर और हरियाणा के पनपत मैं विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज थे।

मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ टीम का नेतृत्व कर रहे हैं इंस्पेक्टर सुनील को कई गोलियां लगी। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें पहले करनाल के अमृतधारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन बाद में बेहतर इलाज के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया गया।

अरशद पर सहारनपुर, शामली और अन्य जिलों में 17 से अधिक संगीन अपराधों में मुक़दमे दर्ज़ थे। अरशद का नाम कई जिलों के अपराध रिकॉर्ड में सबसे ऊपर था।

एसटीएफ अधिकारी ने बताया है कि अरशद जैसे खतरनाक अपराधी का खात्मा कानून व्यवस्था को बनाए रखने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा है कि यह मुठभेड़ उत्तर प्रदेश सरकार की अपराध मुक्त प्रदेश बनाने की नीति का हिस्सा है।

अरशद की मौत के साथ ही मुस्तफा कग्गा गैंग को एक बड़ा झटका लगा हैं। पुलिस अब अन्य वांछित अपराधियों की तलाश में जुट गई हैं।

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