भागलपुर कोर्ट का सख्त फैसला: शराब तस्करी के दो मामलों में दोषियों को 5 साल की सजा
शराबबंदी कानून के तहत बड़ी कार्रवाई, 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया
रिपोर्ट: अजय कुमार : भागलपुर। बिहार में शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्रशासन लगातार सख्त कदम उठा रहा है। इसी कड़ी में भागलपुर कोर्ट ने शराब तस्करी के दो अलग-अलग मामलों में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई है। साथ ही, दोनों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
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पहला मामला: पीरपैंती थाना कांड में डॉक्टर कुमार को सजा

पीरपैंती थाना क्षेत्र के कांड संख्या 218/19 एवं विशेष उत्पाद बाद संख्या 816/19 में आरोपी डॉक्टर कुमार को बिहार मध्यनिषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा (ए) के तहत दोषी पाया गया। अदालत ने उसे 5 साल की सजा सुनाई और 1 लाख रुपये का आर्थिक दंड लगाया। अगर जुर्माना नहीं चुकाया जाता है, तो उसे 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
दूसरा मामला: वाहन चेकिंग में शराब बरामद, दो को सजा
संहोला थाना क्षेत्र में पुलिस ने भूरिया मोड़ पर वाहन चेकिंग के दौरान एक ब्लू रंग के मालवाहक टेंपो को रोका। जब तलाशी ली गई, तो उसमें चार प्लास्टिक डिब्बों में 80 लीटर देसी शराब और 750 एमएल की विदेशी शराब की कई बोतलें बरामद हुईं।
पुलिस जांच में मालवाहक वाहन का मालिक प्रदीप यादव निकला, जबकि शराब के साथ पकड़े गए व्यक्ति की पहचान कारगिल कुमार के रूप में हुई। अदालत ने दोनों को 5 साल की सजा और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना न देने की स्थिति में उन्हें भी 3 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
सरकारी वकील का बयान

बिहार में शराबबंदी पर प्रशासन का कड़ा रुख
बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू है, जिसके तहत शराब के निर्माण, बिक्री, भंडारण और सेवन पर सख्त पाबंदी है। इसके बावजूद राज्य में शराब की तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन प्रशासन लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई कर रहा है, जिससे शराब माफियाओं पर नकेल कसी जा सके।
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