चलती ट्रेन से बैंकिंग छात्रा को फेंका, मदद की गुहार लगाते रह गए परिजन, रेलवे प्रशासन देखता रहा तमाशा

गया से कामाख्या जा रही ट्रेन में लूटपाट के बाद छात्रा को बदमाशों ने दिया धक्का, इलाज के दौरान मौत, RPF-GRPF पर उठे सवाल

रिपोर्ट : अमित कुमार : भागलपुर। बिहार के भागलपुर में ट्रेन से सफर कर रही एक होनहार बैंकिंग छात्रा की जिंदगी कुछ बदमाशों की दरिंदगी और रेलवे प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। परिजन बार-बार मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन न RPF ने सुना, न GRPF ने। बेटी को खो चुके पिता की आंखों में सिर्फ सवाल हैं—क्या उसकी बेटी की जान इतनी सस्ती थी?

यह भी पढ़ें : भागलपुर में ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार

The banking girl was thrown from the moving train, the family kept on pleading for help, the railway administration kept watching the spectacl
फोटो : : मृतक काजल (फाइल फोटो)

भागलपुर रेलवे स्टेशन के पास एक दर्दनाक घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। गया से कामाख्या जा रही एक्सप्रेस ट्रेन में सफर कर रही खगड़िया निवासी छात्रा काजल कुमारी को बदमाशों ने चलती ट्रेन से धक्का दे दिया। काजल बैंकिंग की तैयारी कर रही थी और पढ़ाई में बेहद मेधावी थी। वह अपने पूरे परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने के लिए सफर कर रही थी।

जैसे ही ट्रेन सबौर स्टेशन के पास पहुंची, दो बदमाशों ने उसका बैग छीनने की कोशिश की। काजल ने विरोध किया और हिम्मत दिखाते हुए उनका पीछा करने लगी। लेकिन इस हिम्मत का अंजाम बेहद भयानक निकला। बदमाशों ने उसे ट्रेन से नीचे फेंक दिया।

गंभीर रूप से घायल काजल को तत्काल मायागंज अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। पिता सुनील कुमार ने कहा—”मुझे अपनी बेटी पर गर्व था, लेकिन रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था ने मेरी बेटी को निगल लिया।”

रेलवे सुरक्षा पर गंभीर सवाल

The banking girl was thrown from the moving train, the family kept on pleading for help, the railway administration kept watching the spectacl
फोटो : मृतक काजल के परिजन

घटना के वक्त ट्रेन में RPF और GRPF दोनों मौजूद थे। परिजन लगातार मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन कोई सामने नहीं आया। किसी ने न बदमाशों को पकड़ा, न ही घायल छात्रा को समय पर राहत दी गई। यह हादसा रेलवे प्रशासन की निष्क्रियता और सुरक्षा के नाम पर दिखावे की पोल खोल देता है।

आखिर कब जागेगा सिस्टम?

काजल की मौत के बाद सिर्फ एक परिवार नहीं, पूरे समाज का विश्वास हिला है। क्या महिलाएं अब ट्रेन में भी सुरक्षित नहीं? क्या यात्रियों को खुद ही अपने हक और सुरक्षा के लिए लड़ना पड़ेगा?

काजल की कहानी आज हर उस लड़की की आवाज है, जो अपने सपनों के लिए लड़ रही है। उसकी मौत एक हादसा नहीं, सिस्टम की असफलता है। अब समय आ गया है जब रेलवे सुरक्षा व्यवस्था को सिर्फ वर्दी पहनाने से नहीं, ज़मीन पर उतारने की ज़रूरत है।

यह भी पढ़ें : भागलपुर में ऑनलाइन लोन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, चार गिरफ्तार