विश्व पुस्तक दिवस न केवल पुस्तकों के महत्व को समझने का अवसर है, बल्कि ज्ञान, शिक्षा और विचार के स्वतंत्रता का भी उत्सव है

विश्व पुस्तक दिवस हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि लोगों को और खासकर युवा पीढ़ी को फिर से किताबों की ओर आकर्षित किया जा सके। आज के डिजिटल युग में जहां मोबाइल और इंटरनेट ने पढ़ाई का तरीका बदल दिया है वही पुस्तकों से बढ़ती दूरी को कम करने के लिए यूनेस्को ने इस दिन की शुरुआत की थी।

विश्व पुस्तक दिवस न केवल पुस्तकों के महत्व को समझने का अवसर है , बल्कि यह ज्ञान ,शिक्षा और विचार की स्वतंत्रता का भी उत्सव है 

  • रिपोर्ट : मुकेश कुमार : क्राइम एडिटर इन चीफ : नई दिल्ली।

विश्व पुस्तक दिवस न केवल पुस्तकों के महत्व को समझने का अवसर है, बल्कि यह ज्ञान, शिक्षा और विचारों की स्वतंत्रता का भी उत्सव है। 

यह दिन हमें मानसिक विकास, रचनात्मक और सांस्कृतिक विविधता को अपनाने की प्रेरणा देता है।

यह दिन हमें याद दिलाता है कि किताबें न केवल जानकारी का स्रोत है, बल्कि वह एक बेहतर और जागरूक समाज की ओर पहला कदम भी है।

हर साल 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस मनाया जाता है। जिसे  ” वर्ड बुक एंड कॉपीराइट डे” 📖 भी कहा जाता है।

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इस दिन का उद्देश्य लोगों को किताबों की अहमियत समझाना और पढ़ने की बढ़ावा देना है, आज के डिजिटल दौर में जहां इंटरनेट और मोबाइल में किताबों की जगह ले ली है।

विश्व पुस्तक दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व पुस्तक दिवस हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि खासकर युवा पीढ़ी को फिर से किताबों की और आकर्षित किया जा सकें। आज के डिजिटल युग में जहां मोबाइल इंटरनेट ने पढ़ाई का तरीका बदल दिया है, वहीं, पुस्तकों से बढ़ती दूरी को कम करने के लिए यूनेस्को ने इस दिन की शुरुआत की थी।

विश्व पुस्तक दिवस 2025 की थीम ‘रीड योर वे’ (Read your way) रखी गई है। इस थीम का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को अपनी पसंद की किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करना है। यह न केवल पढ़ने को एक आनंद दायक आदत बनाने पर जोर देता है, बल्कि आत्मनिर्भरता और सोचने की क्षमता को भी बढ़ावा देगा। इस थीम के जरिए पाठकों को यह संदेश दिया जा रहा है कि पढ़ाई से तो जरूरी नहीं, बल्कि मजेदार भी हो सकती हैं।

विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत , ऐतिहासिक महत्व 

विश्व पुस्तक दिवस की शुरुआत सबसे पहले 1922 में स्पेन के सर्वेंट्स पब्लिशियन हाउस के निर्देशक विसेंट क्लेवेल द्वारा की गई थी। उन्होंने यह दिन प्रसिद्ध लेखक मिगुएल डे सर्वेंट्स को सम्मान देने के उद्देश्य से प्रस्तावित किया गया था।

शुरुआत में यह दिन उनके जन्मदिन 7 अक्टूबर को मनाया गया, लेकिन बाद में इसे उनकी पुण्यतिथि 23 अप्रैल को मनाने का निर्णय लिया गया हैं।

साल 1995 में यूनेस्को ने 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस के रूप में मान्यता दी। इस तारीख को विलियम शेक्सपियर और मिगुएल डे सर्वेंट्स दोनों के पुण्यतिथि होने के कारण यह दिन और भी खास बन गया। इसका उद्देश्य दुनिया भर में पुस्तकों के महत्व को बताना, लेखकों को सम्मान देना और पढ़ने की आदत को बढ़ावा देना है।

दुनिया भर में कैसे मनाया जाता है विश्व पुस्तक दिवस?

विश्व पुस्तक दिवस की एक खास बात यह है कि इस दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में उनके अपने तरीके से मनाया जाता है। हर देश और क्षेत्र की अपनी संस्कृति और परंपराओं के अनुसार, यह दिन बहुत कुछ खास बन जाता है। 

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