भागलपुर में महिलाओं का उबाल: इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

बिहार महिला समाज ने कचहरी चौक पर किया प्रदर्शन, कोर्ट के फैसले की प्रति जलाई, कहा - महिला अस्मिता का अपमान बर्दाश्त नहीं

रिपोर्ट: अमित कुमार : भागलपुर : बिहार। भागलपुर में महिलाओं का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक हालिया फैसले को महिला विरोधी बताया गया। बिहार महिला समाज की अगुवाई में स्थानीय कचहरी चौक पर दर्जनों महिलाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और न्यायालय के फैसले की प्रति जलाकर अपना आक्रोश जताया। प्रदर्शनकारियों ने इस फैसले को समाज में महिलाओं की सुरक्षा के खिलाफ बताया और इसे तुरंत रद्द करने की मांग की।

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Women boil in Bhagalpur: Protest against Allahabad High Court's decision
फोटो : विरोध प्रदर्शन करती महिलाएं

इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक विवादित फैसले के खिलाफ बिहार महिला समाज, भागलपुर जिला परिषद के तत्वावधान में बुधवार को कचहरी चौक पर जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। महिलाओं ने इस फैसले को महिला अस्मिता के खिलाफ बताते हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग की। प्रदर्शन का नेतृत्व बिहार महिला समाज की जिला सचिव अनीता शर्मा ने किया।

प्रदर्शन के दौरान अनीता शर्मा ने कहा, “इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज ने हाल ही में कहा कि नाबालिग लड़की का स्तन छूना या उसके कपड़े की डोरी खोलना बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता। ये फैसला न सिर्फ महिला अस्मिता के खिलाफ है, बल्कि समाज में अपराधियों के हौसले भी बढ़ा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा कि, “यह निर्णय समाज को पीछे धकेलने वाला है, जहां महिलाओं को आज भी उपभोग की वस्तु समझा जाता है। हम ऐसी मनुवादी सोच का विरोध करते हैं। यह फैसला महिला विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देता है और समाज में लैंगिक असमानता को जन्म देता है।”

Women boil in Bhagalpur: Protest against Allahabad High Court's decision

“हम महिलाओं की अस्मिता और सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होने देंगे। यह फैसला सिर्फ कानून नहीं, इंसानियत के भी खिलाफ है। सरकार से मांग करते हैं कि इसे तुरंत रद्द किया जाए, नहीं तो देशभर में निर्णायक आंदोलन होगा।”

अनीता शर्मा, सचिव, बिहार महिला समाज, जिला परिषद भागलपुर

प्रदर्शन के दौरान कोर्ट के फैसले की प्रति को जलाकर महिलाओं ने अपना आक्रोश जाहिर किया और कहा कि अगर इस निर्णय को रद्द नहीं किया गया तो यह आंदोलन राज्य ही नहीं, देशभर में फैलेगा। उन्होंने केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय से इस फैसले को अविलंब खारिज करने और महिलाओं की गरिमा की रक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

प्रदर्शन में अनीता शर्मा के साथ मृदुला सिंह, वीणा सिन्हा, उषा वर्मा, पूनम श्रीवास्तव, शारदा श्रीवास्तव, पूजा कुमारी समेत सुभाष कुमार, संजय कुमार, मनोहर शर्मा और मुस्ताक जैसे पुरुष सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।

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